दोस्तों आज मैं आप सभी को what is difference between saving account and current account के बारे में बताने वाला हू बैंक अकाउंट ऐसे भी जिन्हें सेविंग्स अकाउंट के नाम से जानते हैं बैंक अकाउंट व्यापारी अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए करेंट अकाउंट को खुलवाते हैं जिसके लिए अलग-अलग कई तरह के फायदे होते हैं तीसरा है सैलरी अकाउंट जो सिर्फ किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए खोला जाता है अलग-अलग खाता खोल सकते हैं क्या आप जानते हैं इन सभी अकाउंट में क्या अंतर होता है
आईए जानते हैं सेविंग्स अकाउंट की हिंदी में बचत खाता के नाम से भी जानते हैं आजकल रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नए नियमों के मुताबिक सेविंग्स अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी हो गया है ऐसा नहीं करने पर बैंक पेनल्टी के तौर पर हर दिन आपके अकाउंट में से कुछ अमाउंट काट लेता है जहां तक मेट्रो शहरों में एसबीआई की सेविंग्स अकाउंट की बात है इसमें मिनिमम बैलेंस के तौर पर शहरी क्षेत्र में ₹3000 और ग्रामीण क्षेत्रों में अमाउंट ₹1000 रखना जरूरी है.
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what is difference between saving account and current account – Subjective
यहां तक इस मिनिमम अमाउंट बैलेंस की बात है और आमदनी वाले लोगों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने के लिए बैंक बेसिक सेविंग अकाउंट खोलने की सुविधा भी देता है मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर भी आपका अकाउंट चालू रहता है मैक्सिमम डिपॉजिट और मैक्सिमम विड्रोल की लिमिट भी पहले से ही फिक्स रहती है अकाउंट खोलने की सुविधा मिलती है
what is difference between saving account and current account– प्रधानमंत्री जन धन Account
प्रधानमंत्री जन धन योजना के बारे में सुना होगा सहायता के लिए खोले गए थे और कोरोना काल में आर्थिक सहायता के तौर पर अकाउंट में पैसा भी भेजा गया जन धन योजना में खास बात यह है कि अगर आपके खाते में जीरो बैलेंस है तब भी आप बैंक से 10000 रुपए तक की आर्थिक मदद दे सकते हैं सरकार की तरफ से जनधन खाता धारकों को यह सुविधा ओवरड्राफ्ट के तौर पर कुछ समय के लिए मिलती है वैसे आपको बता देंगे सरकार से मिलने वाली गैस सब्सिडी से लेकर हमें सेविंग्स अकाउंट में मिलती है.what is difference between saving account and current account
आपकी जानकारी के लिए बता दे नाबालिक बच्चा भी बैंक में अकाउंट खोल सकता है अगर यह बच्चा 10 साल से कम क्या है कानूनी अभिभावक की जरूरत है उसे चला भी सकता है तो अकाउंट रेगुलर सेविंगएस अकाउंट पर कितनी तरह के फायदे देता है
अगर आप सीनियर सिटीजैन है आपका उम्र 60 साल से ऊपर के है तो वैसे लोगों को बैंक आम लोगों के तुलना में ज्यादा ब्याज देता है और आजकल कई प्राइवेट बैंक सीनियर सिटीजन को ब्याज की बात करे तो बहुत अच्छी हैं
बैंकिंग अकाउंटकी बात करें महिलाओं को कम इंटरेस्ट पर लोन कैसे सेविंग पर अच्छी तरह से ब्याज देने का भी काम करती है इतना ही नहीं महिलाओं के लिए सरकार समय-समय पर कई तरह की योजनाएं निकलती रहती है सेविंग्स अकाउंट के बारे में आप बात करते है.what is difference between saving account and current account
Saving Account And Current Account Difference – करंट अकाउंट खाता कंपनी और बड़े-बड़े बिजनेसमैन द्वारा खोला जाता है
करंट अकाउंट खाता कंपनी और बड़े-बड़े बिजनेसमैन द्वारा खोला जाता है यानी इस करंट अकाउंट में एक दिन के अंदर कई बार पैसों को जमा करने के साथ निकाला जा सकता है चालू खाते के वैसे तो कई फायदे लेकिन वही इसके कुछ नुकसान भी है आपको किसी भी तरह का कोई ब्याज नहीं देता है लेकिन बैंक आपको करंट अकाउंट में ओवरड्राफ्ट की सुविधा जरूर देता है
कि अगर आप चाहे तो अपने अकाउंट में जमा धनराशि से ज्यादा पैसे में निकाल सकते हैं लेकिन बैंक्स इस सुविधा के बदले कुछ चार्ज लेता है डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड नेट बैंकिंग डिजिटल पेमेंट अकाउंट आपके फायदे का सौदा जानते की सैलरी अकाउंट सेविंग्स का करंट अकाउंट से कैसे अलग होता है
what is difference between saving account and current account – Personally
पूरा करने वाला कोई भी एक इंसान की सैलरी अकाउंट खुलवाने के लिए आपको किसी आर्गेनाइजेशन में काम करना बहुत जरूरी है इसको देखने के बाद बैंक में सैलरी अकाउंट खोला जाता है जहां तक मिनिमम बैलेंस रखने जैसी बात तो सैलरी अकाउंट में इसकी कोई जरूरत नहीं होती आपके अकाउंट के बैलेंस के साथ अगर आपका सैलरी अकाउंट एक बैंक में 2 साल से ज्यादा पुराना हो चुका है
तो बैंक आपको ड्राफ्ट की सुविधा भी देती है 2 महीने की बेसिक सैलरी के बराबर हो सकती है तो आप 1 महीने में किसी भी एटीएम से कितनी भी बार पैसे निकाल सकते हैं
प्राइवेट बैंक अनलिमिटेड फ्री एटीएम ट्रांजैक्शन जैसी सुविधा देते सैलरी अकाउंट पर आपके छोटे-छोटे लेकिन कई तरह के फायदे मिलते हैं जो पर्सनल लोन से जुड़े हुए कई स्पेशल ऑफर्स मिलते हैं सैलरी अकाउंट होल्डर को 20 लख रुपए तक का पर्सनल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस मिलता है
यह फैसिलिटी लगभग हर बैंक के सैलरी अकाउंट में पहले से दी जाती है वहीं अगर आपकी सैलरी अकाउंट में 3 महीने से ज्यादा तक आपकी सैलरी नहीं आती है तो यह सैलरी अकाउंट नॉर्मल सेविंग्स अकाउंट में बदल जाता है ऐसे में आपको बैंक के नियमों के हिसाब से मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी हो जाता है. what is difference between saving account and current account
तो सैलरी अकाउंट के फायदे इन सब अकाउंट के बारे में जानने के बाद हमें कमेंट करके बताइए कि आपके हिसाब से कौन सा अकाउंट बेहतर है पढ़ने के लिए धन्यवाद् what is difference between saving account and current account